Common Civil Code Kya Hai : अभी हाल में आपने Common Civil Code के बारे में News Paper, Television आदि सभी जगह पर इसके बारे में सुना व देखा होगा। भारत में अक्सर इस मुद्दे पर बहस हुआ करती हैं। लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकल सका हैं। देश के सविधान में भी Common Civil Code के बारे में बताया गया हैं। इसका हिंदी में अर्थ होता है की सभी व्यक्तिगत गतिविधियां एक समान हो। जो की अभी अलग हैं।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको Common Civil Code और Uniform Civil Code के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे तो अगर आपको भी कॉमन सिविल कोड के बारें में ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी है तो इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़े।
व्यक्तिगत गतिविधियां ( Common Civil Code क्या होता है? )
ऐसे बहुत से मामले है जो प्रत्येक जाती और धर्म के आधार पर बनाए गए हैं। यह मामले बच्चे को गोद लेना, तलाक, विवाह आदि। भारत के सविधान निर्माण ले समय अलग अलग धर्म के आधार पर कानून बनाए गए थे। जैसे हिंदू धर्म के लोगो के लिए हिंदू अधिनियम 1955, मुस्लिम समुदाय के लिए अधिनियम 1939 बनाया गया हैं। मुस्लिम धर्म के अनुसार इस अधिनियम के तहत महिला अपने पति से तलाक ले सकती हैं।
हिंदू अधिनियम के अनुसार तलाक लेने में कई पॉइंट्स बताए गए हैं। जबकि मुस्लिम अधिनियम में सिर्फ चार प्रकार से तलाक ले सकती हैं। यह तब है जब महिला तलाक के लिए कहे। वही पुरुष के बारे में अभी कानून नही बना हैं। सरकार ने कुछ समय पहले ही तीन तलाक के बारे में बिल पास किया था। जो की महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाया गया हैं। इससे पहले मुस्लिम वर्ग के लोग पत्नी से तलाक लेने के लिए सिर्फ तीन बार तलाक शब्द का प्रयोग करने के बाद मुस्लिम व्यक्ति अपनी पत्नी को तलाक दे देता था। इसी कारण से भारत सरकार ने तीन तलाक बिल पास कर दिया हैं। जिससे किसी महिला को अनावश्यक तलाक न मिले। अब मुस्लिम महिला कोर्ट में कह सकती है की उसको किसी भी प्रकार का तलाक नहीं दिया गया हैं।
तीन तलाक कानून लागू होने के बाद आप जैसा हिंदूओ के लिए कानून बनाया गया था वैसे ही अब मुस्लिम के लिए हो गया। भारत के सविधान के अनुसार तलाक, भरड पोषण, एवम संपति का मालिक को बनाने के तारीक सभी एक प्रकार के हैं। लेकिन प्रत्येक जाती में शादी करने के तरीके अलग अलग हैं। अब लगभग सभी धर्मो में तलाक लेने की प्रक्रिया बराबर हो चुकी हैं। इसको ही कॉमन सिविल कोड कहा जाता हैं। ऐसे बहुत से मामले होते है जिसमे किसी जाति विशेष को ध्यान में न रखकर फैसला किया जाता हैं।
यूनिफार्म सिविल कोड क्या होता है? (Uniform Civil Code Kya Hai?)
Uniform Civil Code को हिंदी में समान नागरिक संहिता कहते हैं। इसके तहत देश के सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू हो। वो व्यक्ति किसी भी धर्म से संबद्ध रखता हो। कानून सबके लिए बराबर हो फिर चाहे वो हिंदू धर्म में तलाक के या फिर मुस्लिम धर्म में तलाक के लिए दोनो के लिए कानून बराबर हैं।
आपने कई बार सरकार की तरफ से समान नागरिक संहिता कानून को लागू करने की खबर सुनी होगी। लेकिन अभी तक इसके उप्पर कोई निर्णय नहीं हो पाया हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे की अभी तक सिर्फ गोवा ही एक ऐसा राज्य है जहा पर Uniform Civil Code को लागू किया जा सका हैं। वर्ष 1961 में यहां पर सिविल कोड लागू की दिया गया था।
देश में रहने वाले सभी धर्मो के लोग के लिए समान कानून हो। किसी जाति विशेष के लिए अलग से किसी भी प्रकार का कोई कानून न हो। इससे व्यक्ति में भेदभाव नही रहता हैं।
FAQ
Common Civil Code क्या होता हैं?
कॉमन सिविल कोड के बारे में सारी जानकारी आपको लेख में दी हैं। इसके लिए आप लेख को पढ़े।
Common Civil Code से क्या फायदा हैं?
इस सिविल कोड के होने से सभी धर्मो के लोगो के लिए कानून एक समान होगे। प्रत्येक जाती के लोगो के अलग अलग कानून नही बनाने होगे।
कॉमन सिविल कोड किसके लिए लागू होते हैं?
यह कोड सभी लोगो के लिए लागू होते हैं। चाहे आप किसी भी धर्म से संबंधित रखते हो। या फिर आप किसी भी जाति के हो।
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निष्कर्ष
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने बात की है Common Civil Code, Uniform Civil Code के बारें में, हम उम्मीद करते है की आपको आज का यह आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको इस आर्टिकल से जुडी कोई भी समस्या या सवाल है तो आप हमे नीचे कमेंट करके पूछ सकते है।