अलंकार किसे कहते हैं | Alankar Ki Paribhasha : हिंदी व्याकरण में बहुत सारी शाखाएं है और हिंदी व्याकरण की हर एक शाखा के बारे में जानकारी हासिल करना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। हिंदी व्याकरण में प्रत्येक शाखा या प्रत्येक भाग्य के बारे में हमें स्कूल के समय अध्ययन करवाया जाता है।
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हिंदी की एक महत्वपूर्ण शाखा अलंकार जो हिंदी भाषा का श्रंगार करते हैं। इसके बारे में जानकारी लेना हर विद्यार्थी के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है। आज के आर्टिकल में हम आपको अलंकार किसे कहते हैं और अलंकार के कितने प्रकार हैं। Alankar Ki Paribhasha इसके बारे में जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
अलंकार की परिभाषा | Alankar Ki Paribhasha
हिंदी व्याकरण में अलंकार एक महत्वपूर्ण इकाई माली चाहती है। अलंकार की परिभाषा के बारे में यदि बात की जाए तो कार्य को शोभा बढ़ाने के लिए अलंकार जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है। कहने का मतलब यह है, कि काव्य की शोभा बढ़ाने के लिए जो प्रयोग होने वाले शब्द होते हैं। उन्हें अलंकार कहा जाता है। अलंकार दो शब्दों अलम + कार से मिलकर बना होता हैं।
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यह अमल का अर्थ आभूषण होता है। जिस प्रकार से नारी की सुंदरता बढ़ाने के लिए शरीर पर आभूषण का प्रयोग किया जाता है। उसी प्रकार से भाषा को सुंदर बनाने के लिए अलंकार का प्रयोग होता है। अलंकार का इस्तेमाल करने से भाषा की सुंदरता बढ़ती है और इसीलिए हिंदी का आभूषण अलंकार को कहा जाता है।
दूसरी भाषा में अलंकार की परिभाषा के बारे में यदि बात करें तो एक ऐसा यंत्र जो काफी की सुंदरता को बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अलंकार कहलाता है।
अलंकार कितने प्रकार के होते है | Alankar Kitne Prakar Ke Hote Hai
अलंकार के कितने प्रकार होते हैं। इसके बारे में कई लोग जानकारी लेने के लिए प्रयास करते हैं। अलंकार के मुख्य तौर पर तीन प्रकार होते हैं। जिसकी जानकारी नीचे कुछ इस प्रकार से दी गई है।
- शब्दालंकार
- अर्थालंकार
- उभयालंकार
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1. शब्दा-अलंकार की परिभाषा | Shabdaalankar Ki Paribhasha
अलंकार एक भाग शब्दालंकार जो किसी भी विशेष शब्द की स्थिति में रहकर उस शब्द की जगह पर कोई पर्यायवाची शब्द का इस्तेमाल कर देता है। ऐसी स्थिति को शब्दा अलंकार कहा जाता है।
किसी भी शब्द में कोई विशेष प्रकार का चमत्कार होता है। यानी कि अलंकार में शब्दों का प्रयोग करने से कोई भी चमत्कार होता है और उन शब्दों की जगह समानांतर शब्द का प्रयोग होता है, ऐसी प्रक्रिया शब्दालंकार कहलाती है।
शब्दालंकार के प्रकार | Shabdaalankar Ke Prakar
शब्द अलंकार के प्रकार के बारे में नीचे कुछ इस प्रकार से जानकारी दी गई है। शब्द अलंकार मुख्य तौर पर 6 प्रकार के होते हैं।
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- अनुप्रास अलंकार
- यमक अलंकार
- पुनरुक्ति अलंकार
- विप्सा अलंकार
- वक्रोक्ति अलंकार
- शलेष अलंकार
उदाहरण :-
मैं सुकमारि नाथ बन जोगू।
तुम्हीं उचित तप मो कहँ भोगू।।
2. अर्थालंकार की परिभाषा Arthaalankaar Ki Paribhasha
किसी भी कार्य में जहां अर्थ के माध्यम से कार्य में चमत्कार होता है। वह काव्य अर्थालंकार की श्रेणी में आता है। जब किसी भी कार्य में अर्थ में जो बदलाव होता है उस प्रक्रिया को अर्थालंकार कहा जाता है।
जैसे : उत्प्रेक्षा, उपमा, रूपक व्यक्ति, रेखा संदेह, भांतिमान आदि |
अर्थालंकार के प्रकार | Arthaalankaar Ke Prakar
अर्थालंकार कई प्रकार का होता है। जिसकी जानकारी हम आपको विशिष्ट रूप से नीचे प्रदान करवा रहे हैंः
- उपमा अलंकार
- रूपक अलंकार
- उत्प्रेक्षा अलंकार
- द्रष्टान्त अलंकार
- संदेह अलंकार
- अतिश्योक्ति अलंकार
- उपमेयोपमा अलंकार
- प्रतीप अलंकार
- अनन्वय अलंकार
- भ्रांतिमान अलंकार
- दीपक अलंकार
- अपहृति अलंकार
- व्यतिरेक अलंकार
- विभावना अलंकार
- विशेषोक्ति अलंकार
- अर्थान्तरन्यास अलंकार
- उल्लेख अलंकार
- विरोधाभाष अलंकार
- असंगति अलंकार
- मानवीकरण अलंकार
- अन्योक्ति अलंकार
- काव्यलिंग अलंकार
उदाहरण :-
एक म्यान में दो तलवारें कभी नहीं रह सकती हैं।
किसी और पर प्रेम नारियाँ, क्या पति का सह सकती हैं।
3. उभयालंकार की परिभाषा | Ubhaya Alankar Ki Paribhasha
उभयालंकार एक ऐसा अलंकार होता है, जो शब्दालंकार और अर्थालंकार के सहयोग से मिलकर बनता है। यानी कि जब किसी भी अलंकार में शब्द का अर्थ के सहयोग से एक नए अलंकार की रचना होती है। उसे उभयालंकार कहा जाता है।
उभयालंकार के प्रकार | Ubhaya Alankar Ke Prakar
उभयालंकार मुख्य तौर पर दो प्रकार का होता है
- ससृष्टि उभयालंकार
- सकर उभयालंकार
उदाहरण :-
कजरारी अखियन में कजरारी न लखाया
ऊपर जो उदाहरण प्रस्तुत किया गया है। उस उदाहरण में आप स्पष्ट रुप से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि इस वाक्य में अर्थ और शब्द का प्रयोग हो रहा है और उसी वजह से यह उदाहरण उभय अलंकार की श्रेणी में आता है।
अलंकार किसे कहते हैं | Alankar Ki Paribhasha [Video]
निष्कर्ष
हिंदी ग्रामर की महत्वपूर्ण शाखा अलंकार के बारे में व Alankar Ki Paribhasha के बारें में आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से जानकारी दी है। हमें उम्मीद है, कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी।