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Bhavvachak Sangya Kya Hai | भाववाचक संज्ञा क्या है? प्रकार और उदाहरण

Author: Amresh Mishra | 1 वर्ष पहले

भाववाचक संज्ञा क्या है(Bhavvachak Sangya Kya Hai): हिंदी व्याकरण में जो संज्ञा शब्द होते है, उन्हीं का एक भेद है, भाववाचक संज्ञा। यह भाववाचक संज्ञा जो है उसमें क्या विशेषता है? इसके क्या उदाहरण है? इसमें हमे किन चीजों का बोध होता है? किन वस्तुओं का बोध होता है? या इनके वाक्य कैसे बनते हैं? आदि सब जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करेंगे।

हमारा उद्देश्य यही है कि आपको सभी चीजें सरल से सरल ढंग से समझाने की कोशिश करें। हिंदी व्याकरण के विषय में संज्ञा को बहुत महत्व दिया गया है और हर कक्षा की परीक्षा में पूछे जाने वाला यह विशेष और महत्वपूर्ण सवाल सज्ञा है। आज के आर्टिकल मे हम आपको भाववाचक संज्ञा क्या है ( Bhavvachak Sangya Kya Hai ) के बारे में जानकारी देने का प्रयास करेगें।

Bhavvachak Sangya Kya Hai
Bhavvachak Sangya Kya Hai

भाव वाचक संज्ञा की परिभाषा | Bhavvachak Sangya Kya Hai

Bhavvachak Sangya Kya Hai : मनुष्य को खुशी मिलती है, वह सुखी होता है, उसे अच्छा लगता है, उसे बुरा लगता है, उसे घृणा होती है ये सब मनुष्य के इमोशन है इन मे भाव प्रकट होते हैं, इसे शब्दों मे गुण दोष या अवस्था का बोध होता है उसे हम भाववाचक संज्ञा कहते हैं । सीधी सी बात है जो शब्द किसी व्यक्ति या पदार्थ की अवस्था दशा या भाव का बोध कराते हैं उन शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

जो किसी पदार्थ के गुण- दोष, हालत या विचार का ज्ञान कराते हैं, वह शब्द जिसमें हमें भावना का ज्ञान होता है, उन शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

भाववाचक में क्या होता है कि- भाववाचक शब्द होते हैं, जिनको केवल हम महसूस कर सकते हैं, अनुभव ही किया जा सकता है जिसको हम देख नहीं सकते केवल महसूस कर सकते है और किस संज्ञा का भाव हमारे भाव से संबंध होता है जिनका कोई आकार नहीं होता है या इसका कोई रूप नहीं होता हैं।

जिस संज्ञा शब्द से प्राणियों या वस्तुओं के गुण, धर्म, दशा, कार्य, मन के भाव आदि का ज्ञान हो, उसे ही भाववाचक संज्ञा कहते हैं। किसी भी गुण-दोष, अवस्था, व्यापार, अमूर्तभाव तथा क्रिया भाववाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं।

सरल भाषा में कह सकते हैं, या दूसरे शब्दों में कह सकते हैं, जिन संज्ञा शब्दों से पदार्थों की अवस्था गुण दोष धर्म दशा आदि का बोध हो वह भाववाचक संज्ञा कहलाती है। जैसे- बचपन, बुढ़ापा, भूख, परायापान, मोटापा, प्यास, मिठास, उमंग, थकावट, मानवता, चतुराई, जवानी, मित्रता, मुस्कुराहट, अपनापन, सुंदरता, क्रोध, नीचता, चोरी, खटास आदि।

भाववाचक संज्ञा की रचना के प्रकार

भाववाचक संज्ञा की रचना मुख्य पास प्रकारों के शब्दों से होती है- Bhavvachak Sangya Kya Hai

(1) जातिवाचक संज्ञा
(2) सर्वनाम से
(3) विशेषण से
(4) क्रिया से
(5) अव्यय से।

तो आइए हम इन 5 प्रकारों के शब्दों के कुछ उदाहरण ले लेते हैं-

एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात यह है कि जातिवाचक संज्ञा, क्रिया, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, अव्यय में ता, आस, पा, अ, पन, ई, आव, वट, य, त्व, हट आदि लगाकर भाववाचक संज्ञा में बदला जाता है।

(1) जातिवाचक संज्ञा से

जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा के उदाहरण कुछ इस प्रकार से दिए गए है: Bhavvachak Sangya Kya Hai

  • शिशु – शिशुता
  • विद्वान – विद्वता
  • मित्र – मित्रता
  • पशु – पशुता
  • पुरुष – पुरुषत्व
  • सती – सतीत्व
  • लड़का – लड़कपन
  • गुरु – गौरव
  • बच्चा – बचपन
  • सज्जन – सज्जनता
  • आदमी – आदमियत
  • इंसान – इंसानियत
  • दानवता – दानव
  • बुढ़ा – बुढ़ापा
  • बंधु – बंधुत्व
  • व्यक्ति – व्यक्तित्व
  • ईश्वर – ऐश्वर्य

(2) सर्वनाम से
सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा के उदाहरण कुछ इस प्रकार से दिए गए है: Bhavvachak Sangya Kya Hai

  • माम – ममता
  • स्व – स्वत्व
  • आप – आपा
  • सर्व – सर्वस्व
  • निज – निजत्व
  • अपना – अपनापन

(3) विशेषण से-
विशेषण से भाववाचक संज्ञा के उदाहरण कुछ इस प्रकार से दिए गए है: Bhavvachak Sangya Kya Hai

  • कठोर – कठोरता
  • चालाक – चालाकी
  • शिष्ठ – शिष्टता
  • नम्र – नम्रता
  • बुरा – बुराई
  • मोटा – मोटापा
  • स्वस्थ – स्वास्थ्य
  • मीठा – मीठास
  • सरल – सरलता
  • चतुर – चतुराई
  • सहायक – सहायता
  • आलसी – आलस्य
  • गर्म – गर्मी
  • निपुण – निपुणता
  • बहुत – बहुतायत
  • मूर्ख – मूर्खता
  • वीर – वीरता
  • न्यून – न्यूनता
  • आवश्यक – आवश्यकता
  • हरा – हरियाली
  • पतित – पतन
  • छोटा – छुटपन
  • दुष्ट – दुष्टता
  • काला – कालापन
  • निर्बल – निर्बलदा

(4) क्रिया से

क्रिया से भाववाचक संज्ञा के उदाहरण कुछ इस प्रकार से दिए गए है:

  • सुनना – सुनवाई
  • गिरना – गिरावट
  • चलना – चाल
  • कमाना – कमाई
  • बैठना – बैठक
  • पसंद – नापसंद
  • खेलना – खेल
  • जीना – जीवन
  • चमकना – चमक
  • सजाना – सजावट
  • लिखना – लिखावट
  • पढ़ना – पढ़ाई
  • जमना – जमाव
  • पूजना – पूजन
  • गूंजना – गूंज
  • जलना – जलन
  • भूलना – भूल
  • गाना – गान
  • उड़ना – उड़ान
  • हारना – हार
  • थकना – थकावट
  • पीना – पान
  • बिकना – बिक्री

(5) अव्वय से

अव्यय से भाववाचक संज्ञा के उदाहरण कुछ इस प्रकार से दिए गए है:

  • दूर – दूरी
  • ऊपर – ऊपरी
  • धिक् – धिक्कार
  • शीघ्र – शीघ्रता
  • मना – मनाई
  • निकट – निकटता
  • नीचे – नीचाई
  • समीप – समीप्य

जैसे कि मनोहर बहुत दयालु है, इस वाक्य में कहा गया है की मनोहर बहुत दयालु हैं तो हम दयालु शब्द में जो भाव छिपा हुआ है उसका अनुभव कर सकते है।

हम कुछ खाते हैं तो हमें कुछ मीठा लगता है, कुछ खट्टा लगता है, कुछ खारा लगता है हम इन सब को देख नहीं सकते, हम सब उसको महसूस करते हैं। बुढ़ापा, मोटापा जीवन की एक अवस्था है। व मिठास मिठाई का गुण है, आदि भाववाचक संज्ञा शब्द होते हैं, जिनको हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं हमें दिखाई नहीं देते हैं। हवा चल रही हैं, जो शब्द है उसे हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं वह हमें महसूस होती है, वह भाववाचक है।

भारत में गरीब है, गरीब से गरीब होने का ज्ञान हो रहा है, उसे महसूस कर सकते हैं। इसी तरह हमारी आपस में दोस्ती है, तो दोस्त होने का ज्ञान हो रहा है। दोस्ती एक शब्द है, वह सिर्फ महसूस कर सकते हैं।

भाववाचक संज्ञा के उदाहरण

भाववाचक संज्ञा के कुछ उदाहरण को विस्तार पूर्वक समझते हैं-
(1) उन्होंने अपने देश के खातिर बहादुरी से लड़ाई लड़ी।

इस वाक्य में बहादुरी एक भाव है, इसलिए यह भाववाचक संज्ञा है।

(2) उन्होंने काम के प्रति अपना उत्साह खो दिया।

इस वाक्य में बताया गया है, कि उन्होंने काम के प्रति अपना उत्साह खो दिया। इस वाक्य में उत्साह एक भाव व्यक्त करता है, इसलिए यह भाववाचक संज्ञा है।

(3) मुझे आपसे बहुत प्यार है।

मुझे आपसे बहुत प्यार है इस वाक्य में प्यार एक भाव व्यक्त करता है। यानी कि प्यार है, प्यार हमको दिखाई नहीं देता है हम उसको महसूस कर सकते हैं तो यह भी भाववाचक संज्ञा है।

(4) मुझे बस में यात्रा करना पसंद है।

मुझे बस में यात्रा करना पसंद है इस वाक्य में पसंद जो है वह हम महसूस कर सकते हैं, अपने अंदर से मनपसंद को एक महसूस करना यह भाववाचक संज्ञा का यह वाक्य है।

(5) जीवन एक संघर्ष है।

इस वाक्य में जीना शब्द जीवन का भाव प्रकट कर आए इसलिए यह भाववाचक संज्ञा हैं।

(6) उर्मिला की लिखावट बड़ी सुंदर है।

यहां पर लिखावट संज्ञा शब्द लिखना के भाव को प्रकट कर आए इसलिए लिखावट एक भाववाचक संज्ञा है।

(7) बच्चों की मुस्कुराहट में ही हमारी खुशी है।

यहां पर मुस्कुराहट शब्द मुस्कुराना का भाव व्यक्त कर रहा है इसलिए यह भाववाचक संज्ञा है।

(8) कठिनाई से लड़ना सीखो गए तो ही सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी।

यहां पर कठिनाई शब्द कठिन होने का भाव व्यक्त कर रहा है इसलिए यह भाववाचक संज्ञा है और सफलता शब्द सफल होने का भाव बिक रहा है, इसलिए यह भी एक भाववाचक संज्ञा को दर्शाता है।

(9) सफलता ही जीवन में वास्तविक सुख प्रदान करती है।

इस वाक्य में सफलता एक सफल भाव को व्यक्त कर रही है, इसलिए यह भी भाववाचक संज्ञा है।
किस प्रकार अनेक ऐसे उदाहरण है, जो भाववाचक संज्ञा को दर्शाते हैं।

(10) अहंकार सफलता का सबसे बड़ा दुश्मन है।
(11) उसे अच्छी शिक्षा का लाभ मिला।
(12) स्वास्थ्य के धन से ऊपर कोई धन नहीं है।
(13) जैसे ही सूरज क्षितिज के नीचे डूबा अंधेरा शहर के ऊपर आ गया।
(14) हमें मामले की सच्चाई का पता लगाना होगा।
(15) हमारी मित्रता हमेशा याद रहेगी।
(16) वहां उन्हें जीतने नहीं देगी।
(17) लोगों का उस पर से विश्वास उठ गया।
(18) ईमानदारी व्यक्ति का आभूषण है।
(19) सावन महीने में चारों और हरियाली आ जाती है।
(20) भारत के सैनिकों के दिल में देशभक्ति कूट-कूट कर भरी होती है।
(21) व्यक्ति का बुढ़ापा उससे लाचार बना देता है।
(22) मां कि ममता की तुलना किसी और से नहीं की जा सकती।
(23) ज्योति से मिलकर मुझे अपनापन लगता है।
(24) तुम्हारी इस खराब हरकत ने हमारी दोस्ती में खटास डाल दी।
(25) दोस्ती में ईमानदारी होगी तो निकटता हमेशा ही बनी रहेगी।
(26) आप हमारे घर आए हमें बड़ी प्रसन्नता हुई।

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FAQ’s Related To Bhavvachak Sangya

भाव वाचक संज्ञा किसे कहते है? | Bhavvachak Sangya Kya Hai

जो शब्द किसी व्यक्ति या पदार्थ की अवस्था दशा या भाव का बोध कराते हैं उन शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

भाव वाचक संज्ञा के रचना के भेद कितने है?

भाव वाचक संज्ञा के रचना के भेद 5 है।

भाव वाचक संज्ञा का मुख्य उदाहरण क्या है?

“ईमानदारी व्यक्ति का आभूषण है।” इस वाक्य में भाव प्रकट होता है अत: यह उदाहरण भाववाचक संज्ञा का उदहारण है।

निष्कर्ष

हिन्दी व्याकरण कि मुख्य शाखा सज्ञां मानी जाती हैं और आज हमने इस आर्टिकल मे भाववाचक संज्ञा क्या है ( Bhavvachak Sangya Kya Hai ) के बारे मे जानकारी देने का प्रयास किया है। आशा करते हैं मित्रों आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा, इस आर्टिकल में हमने भाववाचक संज्ञा को विस्तार पूर्वक सरल से सरल भाषा में समझाया है, इसी प्रकार हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।

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Author: Amresh Mishra

I am Amresh Mishra, owner of My Technical Hindi Website. I am a B.Sc graduate degree holder and 21yrs old young entrepreneur from the City of Patna. By profession, I'm a web designer, computer teacher, google webmaster and SEO optimizer. I have deep knowledge of Google AdSense and I am interested in Blogging.

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