Generations of computer in Hindi (कंप्यूटर की सात पीढ़ियाँ)

Author: Amresh Mishra | 9th जून 2024

Computer एक ऐसा शब्द है जिसका नाम आप अक्स’र सुनते होंगे। आपने अपने घर में, Office में, कॉलेज, Hospitals, Universities, Organigations आदि में Computer का इस्तेमाल देखा होगा या किया होगा। आज के Computer इतने अधिक Fast हैं जो कुछ ही क्षणों में बड़े से बड़े Calculations को Solve कर सकते हैं। आज किसी भी Office का लगभग 80% काम Computer से होने लगा है।

लेकिन क्या आपने सोचा है कि क्या पहले भी इसी तरह के Computer थे। पहल के लोगों के पास जब Computer नहीं थे तो वे गणना कैसे करते थे। पहले के Computer की कीमत क्या थी। ऐसे बहुत से सवाल हैं जो आपके दिमाग में उठते होंगे।

आज इन सभी सवालों के जवाब के लिए मैंने आपके लिए यह पोस्ट लिखा जिसमें मैं Computer के Generations के बारे में बताऊंगा। पहले का Computer आज के जैसा नहीं था। आज मैं Computers के कुल 5 Generations के बारे में बताऊंगा।

वैसे तो Computer का इतिहास काफी पुराना है लेकिन Computer की शुरुआत सन् 1946 में हुई थी। हजारों वर्ष पहले गणना करने के लिए एक यंत्र का निर्माण किया गया था जिसका नाम है Abacus. यह एक Counting frame होता है जिसका उपयोग छोटी छोटी गणनाओं के लिए किया जाता था। Abacus में Hindu Arabic number system का प्रयोग किया गया था जिसके हर छड़ में 0 से 9 तक की संख्याएं होती थी।

प्राचीन Computer और वर्तमान Computer में आसमान जमीन का अंतर है। वैसे तो इसकी शुरुआत हजारों वर्ष पहले हो चुकी थी लेकिन Electronic Device का निर्माण कंप्यूटर के विकास काफी मददगार हुए। Computer के विकास में समय समय पर तकनीकों में काफी परिवर्तन हुआ, इन्हीं परिवर्तन को कंप्यूटर की पीढ़ियों (Generations of the computer) में बाँटा गया है। आइए अब जानते हैं Computer के Generations के बारे में।

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कंप्यूटर की पीढ़ियां (Generations of computer in Hindi)

Generation of computer in Hindi

कंप्यूटर के निर्माण की शुरुआत से अब तक, निश्चित रूप से, कंप्यूटर का इतिहास हमेशा समय-समय पर विकसित होता रहा है। जबकि पहले कंप्यूटरों को केवल जोड़ और घटाव गणितीय संचालन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था, अब इसका उपयोग Designing जैसी अधिक जटिल चीजों के लिए किया जा सकता है।

सबसे पहला Computer का नाम ENIAC था। कंप्यूटर के विकास में, पहली पीढ़ी के कंप्यूटर, दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर, तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर, चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर और अब हम जो कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं,

उससे पाँचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर में कई बदलाव हुए हैं। Computer के पीढ़ियों को निम्नलिखित पांच भागों में वर्गीकृत किया गया है। प्रत्येक पीढ़ी का निश्चित रूप से अपना इतिहास है।

  • कंप्यूटर की पहली पीढ़ी(1946-1956)
  • कम्प्यूटर की दूसरी पीढ़ी (1956-1964)
  • कंप्यूटर की तृतीय पीढ़ी (1964-1971)
  • कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी (1971-1985)
  • कंप्यूटर की पांचवीं पीढ़ी (1985-Present)

चलिए अब कम्प्यूटर की विभिन्न पीढ़ियों (Five Generations of Computer in Hindi) के बारे में विस्तार से जानते हैं।

1. कंप्यूटर की पहली पीढ़ी (First Generations of Computer in Hindi)

कंप्यूटर की पहली पीढ़ी में 1946 से लेकर 1956 तक बनने वाले Computer को रखा गया है। 1940 के बाद, कंप्यूटर की पहली पीढ़ी Computer के निर्माण के लिए एक बुनियादी Component के रूप में जाने जाते हैं जो एक Vaccum tube का उपयोग करके बनाई गई थी। दुर्भाग्य से इस Vaccum tube को अक्षम माना जाता है क्योंकि यह बहुत जल्दी गर्म होती है और इसके लिए बहुत अधिक मात्रा में बिजली की आवश्यकता होती है।

Electronic numerical integrator and computer (ENIAC) कंप्यूटर की पहली पीढ़ी का एक उदाहरण है। जे प्रेस्पर एकर्ट (J. Prosper Eckert) और जॉन मौचली(John Mauchly) ने Pennsylvania University में 18,000 वैक्यूम ट्यूबों का उपयोग करके ENIAC का निर्माण किया।

ENIAC प्रोग्राम बनाने में 3 साल का समय लगा। हालांकि इसे 1942 से डिजाइन किया गया है, यह केवल 1943 में शुरू हुआ और इसका निर्माण 1946 में पूरा हुआ।

ENIAC का आकार इतना बड़ा था कि यह 500m2 स्थान घेरता था। इसके अलावा, ENIAC 75,000 रिले और स्विच, 18,000 ट्यूब, 70,000 प्रतिरोधक और 10,000 कैपेसिटर का उपयोग करके बनाया गया था।

Operation में, ENIAC को एक बहुत बड़ी मात्रा में Electricity की आवश्यकता होती थी, जो 140kW है। कंप्यूटर की इस पहली पीढ़ी में प्रयुक्त भाषा Machine language है। यह भाषा प्रोग्रामिंग में Basic Language है और इसे केवल कंप्यूटर द्वारा समझा जा सकता है।

ENIAC बनाने में 1 मिलियन डॉलर का खर्च आया। दुर्भाग्य से, इतनी बड़ी राशि के साथ, कंप्यूटर की क्षमताएं अभी भी सीमित थीं।

प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर की विशेषताएं (Advantages of First Generations of Computer)

  • कंप्यूटर निर्माण के लिए सरल थे, और कंप्यूटर में Data storage system थी।
  • प्रथम पीढ़ी के Computers में Data Storage के लिए Magnetic Drum का प्रयोग होता था।
  • Data को Safe रखने के लिए Punch Card का प्रयोग होता था।
  • इस पीढी के Computer में प्रयुक्त भाषा Assembly तथा Machine language थी जहां सभी Command तथा Data 0 तथा 1 में दिया जाता था।
  • यह उस समय के अन्य उपकरणों की तुलना में तेजी से काम करने में सक्षम था।

प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर के अभाव (Disadvantages of  First Generations of Computer)

  • प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर का आकार काफी बड़ा था लगभग एक बड़े घर के आकार का, इसलिए वे पोर्टेबल नहीं थे। इस उपकरण का वजन लगभग 30 टन था।
  • प्रथम पीढ़ी के Computer में बहुत अधिक Heating की समस्या थी, और बिजली की खपत भी अधिक थी।
  • Instructions के आधार पर परिणाम बहुत देर से प्राप्त होते थे।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर बेहद महंगे हैं।
  • इस मशीन को Heating नियंत्रण की आवश्यकता थी।
  • इसकी भाषा को केवल Computer के द्वारा ही समझा जा सकता था।

प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर के उदाहरण (Examples of First Generations of Computer)

प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर के उदाहरण निम्न हैं जो वैक्यूम ट्यूब में उपयोग से बनाई गई हैं: –

  • ENIAC (Electronic numerical integrator and computer)
  • EDVAC (Electronic Discrete Variable Automatic Computer)
  • EDSAC (Electronic Delay Storage Automatic Calculator)
  • UNIVAC (Universal Automatic Computer)
  • UNIVAC-I
  • MARK-I

2. कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी (Second Generations of Computer in Hindi)

Computer की दूसरी पीढ़ी के अन्दर 1956 से लेकर 1964 तक बनने वाले computer को रखा गया है। 1956 में Vaccum Tube जो कंप्यूटर की पहली पीढ़ी का बुनियादी Component था, उसे Transistor द्वारा बदल दिया गया था। यह मुख्य Component का प्रतिस्थापन किया जाता है क्योंकि Transistor को वैक्यूम ट्यूब की तुलना में बेहतर माना जाता है। इस Transistor का आविष्कार 1947 में William Shockley तथा उनकी सहयोगी टीम द्वारा अमेरिका में किया गया था।

एक Transistor का उपयोग करके, कंप्यूटर का आकार Vaccum tube का उपयोग करने की तुलना में छोटा हो जाता है। Operation के लिए भी बीजली की कम खपत होती है।

छोटे आकार के साथ, यह दूसरी पीढ़ी का कंप्यूटर कई विश्वविद्यालयों, कंपनियों से लेकर सरकार तक में इस्तेमाल किया जाने लगा। इन Computer को चलाने के लिए 1-2 व्यक्ति पर्याप्त होते थे लेकिन इन्हें एक से दूसरे स्थान पर ले जाना बहुत मुश्किल था क्योंकि ये आकार में काफी बड़े थे।

इस तकनीक का इस्तेमाल सबसे पहले Super Computer में किया गया था। आईबीएम ने Sprey Rand और Stretch नामों के Super Computer बनाए। IBM ने परमाणु ऊर्जा का उपयोग करके प्रयोगशाला में विकसित LARC नाम से एक कंप्यूटर भी बनाया।

1965 में, विभिन्न बड़ी कंपनियों ने सूचना को संसाधित करने के लिए दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का उपयोग करना शुरू कर दिया।

कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी की विशेषताएं (Advantages of Second Generations of Computer)

  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में Machine language के बदले Fortran और COBOL, ALGOL जैसे High-level language का प्रयोग किया गया।
  • Data को सुरक्षित रखने के लिए External Memory के रुप में Magnetic Disk, Punch Card और Magnetic Tape आदि का प्रयोग हुआ।
  • Computer पर Data Stored रखने के लिए Magnetic Drum के बजाय Magnetic core memory का प्रयोग हुआ।
  • पहली पीढ़ी की तुलना में कम Heating का उत्पादन।
  • पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों की तुलना में बहुत अधिक विश्वसनीय।
  • पहली पीढ़ी की तुलना में आकार में छोटा और तेज
  • बिजली की खपत बहुत कम।
  • कंप्यूटर की इस पीढ़ी की कीमत बहुत कम थी।

कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी की अभाव (Disadvantages of Second Generations of Computer)

  • आकार में छोटा लेकिन आसानी से पोर्टेबल नहीं।
  • अभी भी Heating नियंत्रण की आवश्यकताएं।
  • पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में Structure अधिक जटिल है।
  • निरंतर रखरखाव की आवश्यकता।

कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी की उदाहरण (Examples of Second Generations of Computer)

  • IBM-1401
  • PDP-I
  • IBM-7000
  • IBM-1620
  • NCR-304

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3. कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी (Third Generations of Computer in Hindi)

Computer की तीसरी पीढ़ी के अन्दर 1964 से लेकर 1971 तक बनने वाले computer को रखा गया है। कंप्यूटरों की तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों को Transistor के बजाय एक Integrated Circuit (IC) का उपयोग करके बनाया गया था। Integrated Circuit का आविष्कार 1958 में Texas Instruments Company के एक इलेक्ट्रिक इंजिनियर Jack Kilby द्वारा किया गया था।

हालांकि IC तीसरी पीढी के कंप्यूटर का मुख्य Component था फिर भी इसमें Transistor अभी भी उपयोग किया जाता था। इस Computer का Size दूसरी पीढी के Computer से कम हो गया था। जिसके कारण इसका रख रखाव आसान हो गया।

इस पीढ़ी में, पहली बार Operating system के साथ Keyboard और Monitor का उपयोग किया गया था। इसके अलावा, इस तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर को बनाने में होने वाली लागत बहुत सस्ती थी ताकि आम जनता इसे वहन कर सके। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में Pascal और Fortran जैसे High-level language का इस्तेमाल किया गया था।

तीसरी पीढी के कंप्यूटर का Performance दूसरी पीढ़ी के Computer से काफी Fast था। इससे कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी को छोड़ दिया जाने लगा। जब इसकी तुलना पुराने Computer से की जाती है, तो देखा जाता है की इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में बहुत तेजी से बदलाव आया है। साथ ही साथ इसकी Size, Power Consumption, लागत आदि में भी कमी पाई गई।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएं (Advantages of Third Generations of Computer)

  • तीसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर में Transistor के स्थान पर Integrated Circuit का इस्तेमाल किया गया।
  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर कि अपेक्षा इसकी लागत कम थी।
  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर से यह कम बिजली खपत करता था।
  • ये कंप्यूटर आकर में छोटे थे जिनका रखरखाव आसान था।
  • पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में इस कंप्यूटर की गति 10,000 गुना थी।
  • तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में Operating system का प्रयोग हुआ जिससे Multi-Processing किया जा सकता था।
  • यह अन्य Computer से Connect हो सकता था।
  • तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की Memory Power अधिक थी तथा यह ध्वनि भी बना सकता था।
  • External Storage के लिए Magnetic Disket का प्रयोग किया गया।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की अभाव (Disadvantages of  Third Generations of Computer)

  • कंप्यूटर की संरचना अधिक से अधिक जटिल थी।
  • Heating नियंत्रण की आवश्यकता थी।
  • आसानी से पोर्टेबल नहीं था।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की उदाहरण (Examples of Third Generations of Computer)

  • IBM 960
  • IBM 370
  • PDP II
  • CDC -1700

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4. कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी (Fourth Generations of Computer in Hindi)

Computer की चौथी पीढ़ी के अन्दर 1971 से लेकर 1985 तक बनने वाले computer को रखा गया है। यह पीढ़ी Circuit और Components के आकार को कम करने के एक स्पष्ट विकास लक्ष्य के साथ बनाई गई थी। इस पीढी में Integrated Circuit के बजाय Very Large Scale Integration (VLSI) का प्रयोग किया गया जिस Microprocessor के नाम से भी जाना जाता है।

Microprocessor के आने से Micro Computer का निर्माण हुआ। ये कंप्यूटर आसानी से Portable थे तथा इन्हें टेबल पर रखकर भी इस्तेमाल किया जा सकता था। पहला Micro Computer का नाम Altair 800 था जिसे MITS Company द्वारा बनाया गया था। ये कंप्यूटर user-friendly थे, इन्हें समझना आसान था।

इन Computer को Network के माध्यम से Connect भी किया जा सकता था। User-friendly होने के कारण इन्हें Personal computer कहा गया। पहला Personal computer का निर्माण IBM Company के द्वारा किया गया। VLSI के इस्तेमाल के साथ यह देखा गया की यह एक Chip पर 30000 Components को Integrate कर सकता है।

उसके बाद, Ultra Large Scale Integration (ULSI) आता है जो एक चिप पर लाखों की संख्या में Components को Integrate कर सकता है। आधे सिक्के के माध्यम पर अधिक से अधिक Components की स्थापना ने परिचालन लागत को और अधिक किफायती बना दिया। इस पीढी के Program को लिखने के लिए Java, C++, Visual Basic, SQL आदि High-level language का इस्तेमाल किया गया।

1984 में, Apple ने पहली बार Macintosh को कंप्यूटर डिवाइस से चलाने के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में पेश किया।

कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी बहुत तेजी से आगे बढ़ी है। यहां तक Mouse, Graphical User interface या GUI, और Portable Computer जिन्हें हम लैपटॉप के रूप में जानते हैं, का निर्माण नहीं हुआ था।

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चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएँ (Advantages of Fourth Generations of Computer)

  • चौथी पीढ़ी के Computer में Integrated Circuit के बजाय Very Large Scale Integration (VLSI) का उपयोग किया गया।
  • चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर व्यक्तियों के लिए उपयुक्त था।
  • ये कंप्यूटर कुशल थे और इन्हें लैपटॉप की तरह कहीं भी ले जाया जा सकता था।
  • Memory के लिए Magnetic Core के स्थान पर Semiconductor Memory और MicroProcessor का प्रयोग किया गया।
  • इस पीढ़ी के Computer पर कार्य करने के लिए Operating system तथा कई Software तैयार किए गए जिससे Word Processing, Spreadsheet, Database पर कार्य करना आसान हो गया।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर को बहुत कम Air conditioning की जरूरत होती थी।

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर की अभाव (Disadvantages of  Fourth Generations of Computer)

  • उपयोग किया जाने वाला सॉफ्टवेयर अधिक जटिल थे।
  • कंप्यूटर की संरचना अधिक जटिल हो गई।
  • Internet की आवश्यकता बढ़ गई।
  • Network के उपयोग होने से संक्रमण का खतरा बढ़ा।
  • Multimedia जैसे कामों के लिए अधिक Memory की आवश्यकता पड़ी।

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण (Examples of Fourth Generations of Computer)

  • DEC-10
  • STAR-1000
  • PPR-II
  • APPLE-II
  • IBM-4341

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5. कंप्यूटर की पांचवीं पीढ़ी (Fifth Generations of Computer in Hindi)

Computer की पांचवीं पीढ़ी के अन्दर 1985 से लेकर अभी तक तथा भविष्य में बनने वाले computer को रखा गया है। इस पीढ़ी के कंप्यूटर को परिभाषित करना काफी कठिन है। क्योंकि यह Computer अभी भी बनाने की प्रक्रिया में है। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) या AI का प्रयोग किया जा रहा है

जो Computer को इंसान के जैसा बनाने का माध्यम है। इससे ये कंप्यूटर मनुष्य के साथ बातचीत करने और Voice के आधार पर Instructions को Follow करने वाले होंगे। इस पीढ़ी में सभी High-level language जैसे C और C ++, Java, .Net आदि का उपयोग किया जाता है।

इस पीढ़ी के कंप्यूटर में VLSIC (Very Large Scale Integration Circuit) के स्थान पर ULSIC (Ultra Large Scale Integration Circuit) का Microprocessor के रूप में इस्तेमाल किया गया। इस तकनीक से Microprocessor के आकार में कमी आई तथा उनके कार्य करने की क्षमता में वृद्धि हुई। इन Computer का प्रयोग Designing, Accounting, Researches, Gaming, Multitasking आदि में किया जाने लगा।

पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर मौखिक निर्देश प्राप्त करने में सक्षम हैं। जिसे हम iOS Operating system और Android पर Google Voice के नाम से जानते हैं। ये कंप्यूटर आसानी से कहीं भी लेकर जाया जा सकता है और इन्हें चलाने के लिए अधिक बिजली की भी आवश्यकता नहीं होती। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में उपयोग की गई मुख्य Operating system, Windows, DOS, Mac, Android, iOS आदि हैं।

पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर की विशेषताएँ (Advantages of Fifth Generations of Computer)

  • पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर में Artificial Intelligence का प्रयोग किया गया है जिससे ये कंप्यूटर मौखिक Instructions प्राप्त कर सकते हैं और मनुष्य से बात भी कर सकते हैं और निर्णय ले सकते हैं।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर की Storage Capacity बहुत अधिक है।
  • ये कंप्यूटर एक ही समय में कई काम कर सकते हैं।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर में Heating को नियंत्रण की कोई आवश्यकता नहीं है।
  • यह पिछली चार पीढ़ियों की तुलना में सस्ती है जिसका उपयोग कोई भी कर सकते हैं।
  • इन Computers की Size काफी छोटा है जिसके वजह से ये आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है।
  • इस पीढ़ी में सभी High-level language जैसे C और C ++, Java, .Net आदि का उपयोग किया जाता है।

पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर के अभाव (Disadvantages of Fifth Generations of Computer)

  • स्वयं के विवेक की कमी
  • ये कंप्यूटर मानव मस्तिष्क को कमजोर तथा सुस्त बना देते हैं।

पाँचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण (Examples of Fifth Generations of Computer)

  • Desktop
  • Laptop
  • Notebook
  • Ultrabook
  • Chromebook

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Conclusion

दोस्तों, यहां पर आपने कंप्यूटर की पीढ़ियाँ (Generations of computer in Hindi) के बारे में सीखा। आशा करता हूं आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी। यदि आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों या सहपाठियों के साथ शेयर करें। यदि आपको Computer के किसी भी Generations को लेकर कोई सवाल है तो आप हमें Comment करके बता सकते हैं, हम आपके सवालों का जवाब जितना जल्दी हो देने का प्रयास करेंगे।

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Author: Amresh Mishra

I am Amresh Mishra, owner of My Technical Hindi Website. I am a B.Sc graduate degree holder and 21yrs old young entrepreneur from the City of Patna. By profession, I'm a web designer, computer teacher, google webmaster and SEO optimizer. I have deep knowledge of Google AdSense and I am interested in Blogging.

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